सोलन 15 दिसम्बर ( धर्मपाल ) – अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर मनमोहन शर्मा ने बैक व कृषि विभाग अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के तहत अधिक से अधिक किसानो को लाऐं ताकि किसानों को फसलों के नुकसान का समयबद्व मुआवजा मिल सके और इस योजना का कार्यान्वयन सही परिप्रेक्ष्य में किया जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त आज यहां वार्षिक ऋण योजना की निगरानी के लिए गठित जिला सलाहकार समिति की दूसरी तिमाही बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होने कहा कि भारत सरकार द्वारा बैंको के लिए निर्धारित मापदण्डों की कड़ाई से अनुपालना की जाए और लाभार्थियों से अनावश्क प्रतिभूति इत्यादि गारन्टी न ली जाए। उन्होने कहा कि कई बैंक लाभार्थियों से सरकारी योजनाओं के तहत दिए जा रहे ऋण पर प्रतिभूतियां ली जा रही है, जबकि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 लाख तक के ऋण पर लाभार्थी से किसी प्रकार की प्रतिभूति नहीं ली जा सकती है।
उन्होने कहा कि यह चिन्ता का विषय है कि वार्षिक ऋण योजना के तहत तिमाही कर दिए गऐ लक्ष्यों को हासिल नहीं किया जाता है और प्रायः बैंको द्वारा वर्ष की अंतिम तिमाही में ही लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास किए जाते है। उन्होने कहा कि तिमाही स्तर पर ही निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति की जानी चाहिए तभी इस कार्यक्रम का उददेय सार्थक होगा।
श्री शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा बीपीएल एंव निर्धन वर्ग के लोगों के सामाजिक- आर्थिक उत्थान के लिए बैंक के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही कल्याणकारी योजनाओं का सही परिप्रेक्ष्य में निष्पादन करें, ताकि पात्र व्यक्ति को सरकार की योजना का समय पर लाभ मिल सके। उन्होने कहा कि स्वंय सहायता समूहों से अनावश्यक स्टेम्प पेपर न लिए जाए और सभी बैंक ऋण देने के लिए एक मापदण्ड अपनाऐं ताकि लोगों को पेश आ रही परेशानी की पुनर्रावृति न हो।
उपायुक्त ने कहा कि वार्षिक ऋण योजना के तहत कृषि क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए ताकि किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ बन सके। उन्होने कहा कि किसानों को उदारता के साथ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने चाहिए। उन्होने कहा कि लोगांे को बैंक सुविधाओं के बारे जानकारी देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाना चाहिए। जिसमें बैकों के अलावा बीडीओ, कृषि, बागबानी, पशुपालन इत्यादि संबधित विभागो को भी आमंत्रित किया जाए ताकि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का सही परिप्रेक्ष्य में प्रचार व प्रसार हो सके।
उन्होने कहा कि सभी बैंकों को निर्देश दिए कि जिला में बैंक सुविधा से वंचित कलस्टर पंचायतों का सर्वेक्षण किया जाए और जरूरतमंद क्षेत्रों में नई बैंक शाखाऐं खोलने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि लोगों को बैंक सुविधाऐं घरद्वार पर उपलब्ध हो सके। उन्होने कहा कि भारतीय रिजर्व बैक की गाईडलाईन के अनुसार सभी बैंक अपने अपने क्षेत्राधिकार में बैक मित्रों की नियुक्ति करें और उन्हें ऐसे क्षेत्रों में तैनात करे जहां बैंक सुविधा न होने पर यह कर्मचारी लोगों को मोबाईल बैंक सुविधा प्रदान करें।
अग्रणी बैंक प्रबन्धक प्रताप चौहान ने समिति के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि बैक के माध्यम से सरकारी योजनाओं का सही परिप्रेक्ष्य में निष्पादन किया जाएगा । उन्होने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अबतक 410 पात्र व्यक्तियों को सवा 5 करोड़ के ऋण जारी किए गए है।
बैठक में आरबीआई मैनेजर शिमला अवनेशवर सिहं, अग्रणी बैक अधिकारी राकेश वर्मा, नाबार्ड, विभिन्न विभागो के अधिकारियों तथा राष्ट्रीयकृत बैंकोे के अधिकारियों ने भाग लिया