सोलन 11 -( धर्मपाल ठाकुर ) सोलन ज़िला ग्रामीण विकास अभिकरण के सौजन्य से उपायुक्त कार्यालय के सभागार में राष्ट्रीय आजीविका मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता अतिरिक्त ज़िला दण्डाधिकारी संदीप नेगी ने की। कार्यशाला में सभी विकास खण्डों के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया।
उन्होंने बताया कि एनआरएलएम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निर्धन परिवारों की सहायता तथा उनकी क्षमता का निर्माण व उनके कौशल उन्नयन को उभारकर उन्हें सार्थक आजीविका प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों के सदस्य विशेषकर महिलाएं अपनी जरूरतों के अनुरूप अलग-अलग समूह बना सकती हैं। मिशन के अंतर्गत समूहों को 75ः25 के आधार पर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार सहायता उपलब्ध करवाएगी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एनआरएलएम चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। यह प्रदेश के सभी विकास खण्डों में लागू होगा। उन्होंने बताया कि जहां एनआरएलएम की शुरूआत होगी उन्हें गहन खण्ड के रुप में जाना जाएगा। सोलन ज़िला का कण्डाघाट विकास खण्ड गहन खण्ड के लिए चयन किया गया है। इन खण्डों की पहुंच प्रशिक्षित पेश्ेावर कर्मचारियों से होगी। इनमें सार्वभौमिक, सामाजिक और वित्तीय समावेश, आजीविका, भागीदारी आदि गतिविधियों का लाया जाएगा।
एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों में सदस्यों की संख्या 5 से 20 होना अनिवार्य है। इसमें कम से कम 70 प्रतिशत बीपीएल, गरीब परिवार और 30 प्रतिशत गैर बीपीएल तथा गरीब परिवार शामिल होने चाहिए। एनआरएलएम के तहत बने स्वयं सहायता समूहों को नियमित बैठकें, नियमित बचत, नियमित अन्तर ऋण, समय पर भुगतान और खाताबही में नियमित लेखा-जोखा रखना अनिवार्य होगा।
परियोजना निदेशक डॉ. भुवन शर्मा ने उपस्थित महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में बारिकी से जानकारी दी जबकि राजेश ठाकुर ने प्रस्तुती के माध्यम से योजना के बारे में विस्तार से बताया।
परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण सुरेश कुमार ने स्वागत किया।
कार्यशाला में सहायक परियोजना अधिकारी ज़िला ग्रामीण विकास अभिकरण आशा रानी, सभी विकास खण्डों की एलएसईओ, एलवीडीसी के अतिरिक्त विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के प्रधान एवं सचिव भी उपस्थित थे।
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