लुधियाना. हीमोफिलिया और थैलेसीमिया का इलाज अब शहर में मुफ्त होगा। इसके इलाज के लिए मरीजों को पहले पीजीआई जाना पड़ता था। यही नहीं गर्भवती महिलाओं का थैलेसीमिया के लिए स्क्रिनिंग टेस्ट भी जरूरी कर दिया गया है। ये टेस्ट भी हॉस्पिटल में मुफ्त में किया जाएगा। सभी गर्भवती महिलाओं को ये टेस्ट गर्भावस्था में एक बार जरूर करवाया जाएगा।
सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर डॉ.अविनाश जिंदल ने बताया कि हिमोफिलिया में फैक्टर-8 का इंजेक्शन अब मरीजों को मुफ्त लगाया जाएगा। इसकी बाजार में कीमत 10 हजार थी। अब इसे पंजाब सरकार की ओर से मुफ्त में अस्पताल में उपलब्ध करवा दिया गया है। कई बार मरीज की स्थिति के कारण या फैक्टर-8 कमी के कारण उसे एक के बजाय 3-4 डोज भी लगाने पड़ते थे। इसके लिए मरीजों का काफी खर्च भी हो जाता था।
अब ये पूरी तरह से मुफ्त मिल सकेगा।इसी तरह से थेलेसीमिया के लिए पहले ब्लड लगाया जाता है। ब्लड लगाने के बाद शरीर में आयरन इकट्ठा हो जाता है। वो आयरन शरीर के कई हिस्सों को खराब करता है। उस आयरन को खत्म करने के लिए किलेटिंग ड्रग का इस्तेमाल किया जाता है। एक महीने के लिए इस दवाई की कीमत मरीज को 3 हजार के तकरीबन पड़ती थी। अब वो भी अस्पताल में मुफ्त उपलब्ध है।
गर्भवती महिलाओं का थैलेसीमिया टेस्ट जरूरी
सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. अविनाश जिंदल डॉ. जिंदल ने बताया कि मदर चाइल्ड अस्पताल में थेलेसीमिया और हिमोफिलिया डे केयर के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर भी बना दिया गया है। जानकारी के मुताबिक डे केयर के लिए अब तक हिमोफिलिया के लिए 24 और थैलेसीमिया के लिए 14 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवा भी दी है। डॉ. जिंदल ने बताया कि ये सुविधा सिर्फ जिला हॉस्पिटल में ही उपलब्ध है। डे केयर का मकसद मरीज को रात भर हॉस्पिटल में रहने की ज़रुरत नहीं होगी। बस सुबह या दोपहर के समय एडमिशन करवानी होगी और इलाज करवा कर उसी दिन घर जा सकते हैं। इस सुविधा के शुरू होने से दोनों ही तरह के मरीजों को अब काफी फायदा मिल सकेगा। (bhaskar report)